एन्जियोग्राम किस प्रकार किया जाता है?
- जाँच से पहले – खाना ना खाएँ|
- जाँच में करीब 10_15 मिनट लगते है|
- एक ट्यूब मरीज के हाथ की धमनी में डाला जाता हैं|
- उस हाथ के हिस्से को सुन किया जाता हैं|
- ट्यूब के माध्यम से विशेष डाय डाली जाती,जैसे–जैसे रंग रक्त की धमनियों में जाती हैं, वैसे एक्स रे लिया जाता हैं|
- अगर आपको असुविधा महसूस होती है, तो डॉक्टर को बताएँ|
एन्जियोग्राम होने के बाद
- एन्जियोग्राम खत्म होने के बाद, ट्यूब कि जगह पर पट्टी लगाई जाती हैं, ताकि रक्त न बहे|
- अगर एन्जियोग्राम, जांघ से किया गया हो तो , बिस्तर पर एक घण्टे तक आराम करें, हाथ से किया गया हो तो कोई भी वजंदार चीज़ न उठाए|
- जाचं के बाद अगर दर्द हो तो पेरासिटामोल (paracetamol: 500 mg) ले सकते हैं|
- ज्यादातर मामलों में उसी दिन घर जाने के लिए सक्षम हो जाते है, मगर आपकी सेहत और नतीजे पर निभ्रर करता है, डाक्टर आपको लंबे समय तक अस्पताल में रहने के लिए कह सकते है|
एन्जियोग्राम होने से क्या खतरा बना रहगा??
- करोनरी एन्जियोग्राम सुरक्षित जाचँ हैं,
- जान का खतरा बहुत कम हैं
- जान का खतरा दिल के दौरे होने का खतरा, स्ट्रोक का अनुमान लगाना हर 1000 या 2000 लौगो में 1 होती है|
- दिल के हालत पर निभ्रर करता है, और अपने सामन्य स्वास्थ्य पर|

